शौके मुरीद रंगीनियों के रहने लगे थे बारिकियां हाशिये पर अटकती रह गई पेचीदगियों की रेखाएं बेतरतीब खिंच रही हैं वृत सी जिंदगी के समीकरण सभी उलझे ।। प्रीति. Equation #math poem#yopowrimo #yqdidi