धरती - एक पावन आँगन धरती के रंग, उठाते उमंग, सावन बरसे..बरसे छम छम। धरा मनभावन...पावन आँगन। (🔁) धरती के अंग, जगाते तरंग, नीर धाराएँ..चले संग संग। धरती के ढंग, सुंदर प्रसंग, महके वादियाँ...महके क्षण क्षण। धरती के रंग, बेहद अंतरंग, मौन हिमालय...गूंजे मृदंग। धरती के कुंज, मस्त मलंग, बहकी हवाएँ...करें हुड़दंग। धरती के संग, मनु व कीट पतंग, सबको बसाकर...देती आनंद। कवि आनंद दाधीच*, बेंगलूरु🇮🇳 ©Anand Dadhich #धरती_एक_पावन_आँगन #kaviananddadhich #poetananddadhich #positive #todaysquote #CalmingNature