#Pehlealfaaz जीवन की ठोस सचाई ये भी हैँ की हर किनारा टूटता हैँ एक दिन नेह कि बरंम टूटते हैँ एक दिन कि व्यक्ति एक जीवित इकाई हैँ औऱ रास्ता एक मरी हुईं लकीर औऱ हर मिलने वाला प्रेमी साथ चलता रहे ये भी जरूरी तो नहीं हैँ....... मरी हुईं लकीर