अब ध्वस्त हर उन्माद चाहिए.. ये बर्बरताएं, बर्बाद चाहिए.. न्याय नीति का निनाद चाहिए- हे कृष्ण, फिर शंखनाद चाहिए। दुशासनों की हो रही जयकार, उजालों में भी पसरा अंधकार, झूठी खबरों का होता प्रचार, अब,महाभारत की याद चाहिए- हे कृष्ण, फिर शंखनाद चाहिए। पाप, पापी हो रहे खूंखार, दुर्जनों, खोटो से ढका संसार, दृष्टिवान अंधो का हुआ विस्तार, सुदर्शन चक्र का आघात चाहिए- हे कृष्ण, फिर शंखनाद चाहिए। विधर्मियों से भर गया बाजार, मानकों का बचा ना आधार, त्रस्त पीड़ित जन मन करें पुकार, ये बर्बरताएं बर्बाद चाहिए- हे कृष्ण, फिर शंखनाद चाहिए। डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' 🇮🇳 ©Anand Dadhich #rgkar #Women #safety #kaviananddadhich #poetananddadhich #Hindi #poetsofindia