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ना अब ज्यादा धार्मिक पुस्तक ना धार्मिक स्थान चाहि


ना अब ज्यादा धार्मिक पुस्तक ना धार्मिक स्थान चाहिये
बस अभी जितना है उतने को ही पूरा सम्मान चाहिये
जो धर्म के सहारे करोड़ों में खेलते है वही चुप क्यों हो जाते है धर्म ग्रंथों को फटते और अपमानित होते देख
किसी धर्म का अपमान करने की सजा  बलिदान चाहिए

©R.V. Chittrangad Mishra 9839983105
  
ना अब ज्यादा धार्मिक पुस्तक ना धार्मिक स्थान चाहिये
बस अभी जितना है उतने को ही पूरा सम्मान चाहिये
जो धर्म के सहारे करोड़ों में खेलते है वही चुप क्यों हो जाते है धर्म ग्रंथों को फटते और अपमानित होते देख
किसी धर्म का अपमान करने की सजा बलिदान चाहिए

ना अब ज्यादा धार्मिक पुस्तक ना धार्मिक स्थान चाहिये बस अभी जितना है उतने को ही पूरा सम्मान चाहिये जो धर्म के सहारे करोड़ों में खेलते है वही चुप क्यों हो जाते है धर्म ग्रंथों को फटते और अपमानित होते देख किसी धर्म का अपमान करने की सजा बलिदान चाहिए #शायरी

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