Nojoto: Largest Storytelling Platform

इस भोर में इठलाती इन गेंहू की बालियों को देखो मुस्

इस भोर में इठलाती इन
गेंहू की बालियों को देखो
मुस्करा रही है खुद को
रश्मिल किरणों से नहला कर
जानती है इस सूर्य स्नान से
उसे मिलेगी वो ऊर्जा
जो उसमे पल्लवित होकर
किसी अतृप्त को
तृप्त करने का स्वर्णिम अवसर
उसे मिलेगा
एक आशीर्वाद बनकर
उस ईश्वर का
जो सबकी समस्त संसार की
उदर पीड़ा को समझता है
kunwarsurendra इस भोर में इठलाती इन
गेंहू की बालियों को देखो
मुस्करा रही है खुद को
रश्मिल किरणों से नहला कर
जानती है इस सूर्य स्नान से
उसे मिलेगी वो ऊर्जा
जो उसमे पल्लवित होकर
किसी अतृप्त को
इस भोर में इठलाती इन
गेंहू की बालियों को देखो
मुस्करा रही है खुद को
रश्मिल किरणों से नहला कर
जानती है इस सूर्य स्नान से
उसे मिलेगी वो ऊर्जा
जो उसमे पल्लवित होकर
किसी अतृप्त को
तृप्त करने का स्वर्णिम अवसर
उसे मिलेगा
एक आशीर्वाद बनकर
उस ईश्वर का
जो सबकी समस्त संसार की
उदर पीड़ा को समझता है
kunwarsurendra इस भोर में इठलाती इन
गेंहू की बालियों को देखो
मुस्करा रही है खुद को
रश्मिल किरणों से नहला कर
जानती है इस सूर्य स्नान से
उसे मिलेगी वो ऊर्जा
जो उसमे पल्लवित होकर
किसी अतृप्त को

इस भोर में इठलाती इन गेंहू की बालियों को देखो मुस्करा रही है खुद को रश्मिल किरणों से नहला कर जानती है इस सूर्य स्नान से उसे मिलेगी वो ऊर्जा जो उसमे पल्लवित होकर किसी अतृप्त को #Poetry #God #shayri #energy #poem #nojotohindi #kunwarsurendra