इस भोर में इठलाती इन गेंहू की बालियों को देखो मुस्करा रही है खुद को रश्मिल किरणों से नहला कर जानती है इस सूर्य स्नान से उसे मिलेगी वो ऊर्जा जो उसमे पल्लवित होकर किसी अतृप्त को तृप्त करने का स्वर्णिम अवसर उसे मिलेगा एक आशीर्वाद बनकर उस ईश्वर का जो सबकी समस्त संसार की उदर पीड़ा को समझता है kunwarsurendra इस भोर में इठलाती इन गेंहू की बालियों को देखो मुस्करा रही है खुद को रश्मिल किरणों से नहला कर जानती है इस सूर्य स्नान से उसे मिलेगी वो ऊर्जा जो उसमे पल्लवित होकर किसी अतृप्त को