उजड़े पड़े मयखाने में फिर से सवेरा होगा क्या या रोशनी की एक उम्मीद में घनघोर अंधेरा होगा क्या इबादत के बदले खुदा से मैंने एक सवाल पूछा अमावस्या की अंधेरी रात में चांद कभी मेरा होगा क्या ©yogi nihal singh #MoonBehindTree #moon #shayri