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आरजू दिल लिए हम मचलते रहे। इश्क में मोम से हम पिघ

आरजू दिल लिए हम मचलते रहे।
इश्क  में मोम से हम पिघलते रहे।
चाँद की बादलों संग अठखेलियाँ,
चाँदनी के बिना हम फिसलते रहे।
प्यार करना हमीं ने सिखाया मगर,
साथ  ले  हाथ  वो  ही बदलते रहे।
दिल खिलौना बना के चले वो गए,
जान  पाये  नहीं  हाथ  मलते  रहे।
मौत  माँगी  मगर वो मिली ही नहीं,
हम  विरह  आग में यार जलते रहे।

©Subhash Singh #ठा.सुभाष सिंह, कटनी म.प्र.

#allalone
आरजू दिल लिए हम मचलते रहे।
इश्क  में मोम से हम पिघलते रहे।
चाँद की बादलों संग अठखेलियाँ,
चाँदनी के बिना हम फिसलते रहे।
प्यार करना हमीं ने सिखाया मगर,
साथ  ले  हाथ  वो  ही बदलते रहे।
दिल खिलौना बना के चले वो गए,
जान  पाये  नहीं  हाथ  मलते  रहे।
मौत  माँगी  मगर वो मिली ही नहीं,
हम  विरह  आग में यार जलते रहे।

©Subhash Singh #ठा.सुभाष सिंह, कटनी म.प्र.

#allalone