ग़ज़ब की बात करते हो ,अज़ब बातें बताकर के। मुझसे ही दूर रहते हो ,खुद को क़रीब लाकर के।। तेरे पैरों में जो चुभ जाए ,वो काँटे तो नहीं है हम। फिर भी क्यों लौट जाते हो,मेरी राहों में आकर के।। *राज* *दीक्षित* ©®✍️✍️ #ग़ज़ब