आओ .... इन कलियों पर लरजती हुईं ओस की बूंदो को मोती बनते देखे आओ एक लघु अंतराल क़े लिए ठहर जाओ यहां ताकि इस कली को ताज़ा फूल बनता हुआ देखे आओ आभार व्यक्त करे इस सुखद लम्हें का जो सुवासित हो चुका हैँ इस फूल की महकारी गंध से जो स्पंदित कर रहा हैँ संवेदनशीलता मेरी क्योंकि न जाने क्योंमै छूआ जाने लगा हूं अनजाने तत्वों से अनजाने तत्व.......