दफन हो गऐ वो राज़ सूखे पत्तों के गिरने से, गीली जमीन पर आज भी कहीं दो पैरों के निशान दबे होगें.. आज फिर उसी शाख के पत्ते टूट कर बिखरने लगे हैं, शायद फिर कोई हमसफ़र नयें सफर को उसी मिट्टी पे चले होगें... -Mr. Avi ©Avinash Gupta #Honourkilling