हममें से लगभग प्रत्येक की स्थिति यही है हम चोट सहकर भी अपने प्रिय को दुलारते रहते हैं और उसकी ओर से सदैव दुत्कार ही मिलती है । हम उस रिश्ते का अंत आरम्भ और भविष्य सब जानते हैं फिर भी आखिरी सांस तक कोशिश करते रहते हैं .... ये संघर्ष पीढ़ी दर पीढ़ी आगे भी चलता रहेगा । ये नियति का सबसे भयावह दुष्चक्र है जिसका तोड़ मनुष्य, ईश्वर में से किसी के पास नहीं है । हम दुत्कारे जाएंगे ....ठुकराए जाएंगे पर हमारी जिजीविषा मृतपर्याय होकर भी ऐसे लोगो के लिए शेष रहेगी । दुत्कारने वाले के हाथ कांपेंगे जरूर पर रुकेंगे नहीं ना उनकी घृणा, अफसोस प्रेम में कभी परिवर्तित हो पाएंगे ....। सदैव दुःख का स्रोत रहे लोग प्रेम का संगम नहीं हो सकते ये बात जानते हुए भी सृष्टि के अंत तक भी प्रयास किए जाते रहेंगे प्रेम को बचाने के .... ये ही त्रासदी है और प्रेम की खूबसूरती भी .......। आपके पास प्रेम के बाद जीने का विकल्प नहीं बचता शायद .... #विरह ©पूर्वार्थ #holikadahan