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अभी कुछ भी लिखना, मेरी औकात में नहीं, ज़रा असमंजस

अभी कुछ भी लिखना, मेरी औकात में नहीं,
ज़रा असमंजस में हूं, अच्छे हालात में नहीं।

के अब क्या दोष दूं, किसी और को मैं भला,
सच्चाई ये हैं मैं खुद ही खुद के साथ में नहीं।

मेरे ख्याल अब, मुझसे ही रिहाई मांगने लगे,
बोले बसर और अब,  तेरी हवालात में नहीं।

सबकुछ तेरे हिसाब से हो ये जरूरी तो नहीं,
बेशक लकीरें हाथ में हैं,  मग़र हाथ में नहीं।

कुचल दी जाएगी, तुम्हारी भावनाएं मासूम,
तुम आना कभी किसी के जज़्बात में नहीं।।

पिंकी सिंवर मासूम
जोड़कियां (श्रीगंगानगर)

©Pinky Sinwar"Masum" हाथ में तो हैं, मग़र हाथ में नहीं
✍️✍️✍️😌😌😌
पिंकी सिंवर मासूम

#BookLife
अभी कुछ भी लिखना, मेरी औकात में नहीं,
ज़रा असमंजस में हूं, अच्छे हालात में नहीं।

के अब क्या दोष दूं, किसी और को मैं भला,
सच्चाई ये हैं मैं खुद ही खुद के साथ में नहीं।

मेरे ख्याल अब, मुझसे ही रिहाई मांगने लगे,
बोले बसर और अब,  तेरी हवालात में नहीं।

सबकुछ तेरे हिसाब से हो ये जरूरी तो नहीं,
बेशक लकीरें हाथ में हैं,  मग़र हाथ में नहीं।

कुचल दी जाएगी, तुम्हारी भावनाएं मासूम,
तुम आना कभी किसी के जज़्बात में नहीं।।

पिंकी सिंवर मासूम
जोड़कियां (श्रीगंगानगर)

©Pinky Sinwar"Masum" हाथ में तो हैं, मग़र हाथ में नहीं
✍️✍️✍️😌😌😌
पिंकी सिंवर मासूम

#BookLife

हाथ में तो हैं, मग़र हाथ में नहीं ✍️✍️✍️😌😌😌 पिंकी सिंवर मासूम #BookLife #शायरी