कितनी दफ़ा तुम उसे बेदाग़ करोगें? जुल्म उसकी आदत है कितना माफ करोगें? रूह को अब जिस्म से आशिकी हो गयी, तुम कब तक उसे पाने को बेताब रहोगे?? सुनो समंदर में कश्ती पतवारों से चलती है, प्रतिकूल धारा हो तो सागर कैसे पार करोगे? माना बड़ी मोहब्बत है उस शख्स से, कब तक यूँही उसका दीदार करोगे?? ज़माना जीने नही देगा साहेब, कब तक मुर्दो से बातें करोगे? मुसाफ़िर तू किसी और मंजिल को तलाश ले, कब तक इस उजड़ी बस्ती में गुजर करोगे?? #dilaemushafir #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi