माँ का आँचल लफ़्ज़ों में बयां ना हो उसका प्यार तेरे आंचल में हर तूफ़ान ठंडा है कुछ लिखने बैठा था उस सक्ष के लिए जो दिन भर काम करे और जिए मेरे लिए अब प्यार को लफ़्ज़ों में पिरोने निकला हूं कहीं स्याही ही ना ख़तम हो जाए लिखते हुए तूने प्यार का असली मकसद सिखाया है हर अच्छे बुरे कर्म में फर्क समझाया है चाहे कितने भी बेगाने हो जाए अपने तूने हर रिश्ते हो अच्छा बताया है तेरे लिए कही लफूजो की कमी ना हो जाए मेरी वजह से तेरी आंखो में नमी ना हो जाए तू हर रोज दुआ मांगती है मेरी खुशी की मेरी दुआ में तेरे सारे दु:ख अब मेरे हो जाए मुझे प्यार भी बहुत करती हो मेरी शैतानी पर तेरे हाथ में डंडा है लफ़्ज़ों में बयां ना हो उसका प्यार तेरे आंचल में हर तूफ़ान ठंडा है :- अक्षय बंसल #maa #Happy #mothers #day