माना बिहार शौर्य-वीर्यता-साहस का प्रतिक था चंद्रगुप्त, अशोक, धर्मपाल, आदी का प्रराक्रम था । धर्म, अर्थ, राजनीति का साम्राज्य दूर तक फैला था पलट कर आँख दिखाने का, हिम्मत किसी को ना था ।। कण-कण में मन-मन में मातृभक्ती का वास था अजातशत्रु, समुद्रगुप्त, पुष्यमित्र वीरों का निवास था । वज्जि ने इस धरा को गणतंत्र का पाठ पढ़ाया था मगध ने अविजय साम्राज्य का परचम लहराया था ।। छोड़ो ना ! रहने देते हैं, जो बीत गया उसे जाने देते हैं । अब आत्मनिर्भरता का स्वाद फिर से चखते हैं आहिस्ता हिं सही ! डरमुक्त-हिम्मतपुर्ण बिहार रचते हैं आओ, मिलकर नया बिहार रचते हैं....... ✍Shashi Nandan✍ #bihar_diwas #bihar_day #bihar_divas