बज उठा है शंख सज चुके है अस्त्र शस्त्र सभी मगर अर्जुन को रणभूमि तक आने में अभी देर लगेगी साध लिया है लक्ष तन गये है तीर कमान सभी मगर इच्छित लक्ष को पाने में अभी देर लगेगी है कृष्ण भी यहा युधक्षेत्र में एकजुट हो चुका है विपक्ष भी मगर दुनिया को गीता का सार समझ आने में अभी देर लगेगी उधर कौरवों पर है चतुरंगिणी सेना इधर पांडवों संग बस कान्हा जहाँ धर्म है विजय वही सभी को जाननी है ये बात मगर ज़रा देर लगेगी रोज़ नित नये षड्यंत्र शत्रु कर रहा प्रपंच इस चक्रव्यूह को भेद पाने में ज़रा देर लगेगी कितना स्याह हो अंधेरा कितनी लम्बी हो काली रात निकलना ही है सूरज को समझ आने में बस ये बात ज़रा देर लगेगी......!! 😊🙏 ©पूर्वार्थ #चंद्रयान