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लाखों की भीड़ में अकेला रह गया हूं, सब आगे निकल गए

लाखों की भीड़ में अकेला रह गया हूं,
सब आगे निकल गए मैं पीछे रह गया हूं।
जिस चीज की तमन्ना थी वो कभी मिली नहीं,
सब हाथों से निकल गया मैं बस बैठा रह गया।

©Ashish Yadav
लाखों की भीड़ में अकेला रह गया हूं,
सब आगे निकल गए मैं पीछे रह गया हूं।
जिस चीज की तमन्ना थी वो कभी मिली नहीं,
सब हाथों से निकल गया मैं बस बैठा रह गया।

©Ashish Yadav