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मिट्टी की है काया प्यारे मिट्टी में मिल जाएगी काहे

मिट्टी की है काया प्यारे मिट्टी में मिल जाएगी
काहे की ये मेरा मेरी सब यही धरी रह जाएगी
मोह माया के  जाल में शांति कहां मिल पाएगी
काम क्रोध मद लोभ मोह  जीवन नर्क बनाएगी
प्रभु की शरण ही तेरा जीवन सफल बनाएगी

©Amit Kashyap
  प्रभु

प्रभु #कविता

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