इश्क़-ए-शहर की इन गलियों में दिल अपना हम तो छोड़ आये कुछ याद बनारस दे आये कुछ याद बनारस ले आये..... राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी ©मेरी दुनियाँ मेरी कवितायेँ बनारस