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स्वर अंतर्मन का / ॐ   स्वर अंतर्मन का जब करे जाप

स्वर अंतर्मन का / ॐ  

स्वर अंतर्मन का जब करे जाप ॐ,
नन्ही दृष्टि को दिखाई दे पूर्ण व्योम,
जो जान ले मानव स्वर अंतर्मन का,
झंकृत जाये काया के रोम रोम !

बेसुध जगत जब करे कर्म विलोम,
सुनो स्वर अंतर्मन का होकर मौन,
अनंत समाधान उमड़ कर आएंगे,
देगा अरि को मात शांत स्वर ॐ !

अहंकार से भरे जब तन हर यौम,
अंतर्मन में चिंतन का करो होम,
अज्ञात अंधे संशय मिट जाएंगे,
तन हो जायेगा जैसे प्रफुल्ल सागौन !

चाहते बन जाये जब मादक रस सोम,
स्वर अंतर्मन का बताता सही कोण,
हर अंतर्दशा की दिशा बदल जाएगी,
नित स्वर अंतर्मन का हो ॐ ॐ !

कवि आनंद दाधीच, भारत

©Anand Dadhich #स्वर_अंतर्मन_का #ऊँ #शिव_पर_भजन
#kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia 
#Shiva
स्वर अंतर्मन का / ॐ  

स्वर अंतर्मन का जब करे जाप ॐ,
नन्ही दृष्टि को दिखाई दे पूर्ण व्योम,
जो जान ले मानव स्वर अंतर्मन का,
झंकृत जाये काया के रोम रोम !

बेसुध जगत जब करे कर्म विलोम,
सुनो स्वर अंतर्मन का होकर मौन,
अनंत समाधान उमड़ कर आएंगे,
देगा अरि को मात शांत स्वर ॐ !

अहंकार से भरे जब तन हर यौम,
अंतर्मन में चिंतन का करो होम,
अज्ञात अंधे संशय मिट जाएंगे,
तन हो जायेगा जैसे प्रफुल्ल सागौन !

चाहते बन जाये जब मादक रस सोम,
स्वर अंतर्मन का बताता सही कोण,
हर अंतर्दशा की दिशा बदल जाएगी,
नित स्वर अंतर्मन का हो ॐ ॐ !

कवि आनंद दाधीच, भारत

©Anand Dadhich #स्वर_अंतर्मन_का #ऊँ #शिव_पर_भजन
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#Shiva