stet2019 ======== क्या तुफान के बाद का नुक़सान नज़र आता है? क्या आपको आखों में अरमान नज़र आता है? सच है टुट-टुटकर बिखर जाते हैं अरमान हमारे, क्या वो ख़्वाबों का लूटेरा बेईमान नज़र आता है? हम तो रातों को जगे आए हैं बस इसी ख्वाहिश में, है जो उस्ताद ज़माने में वो सुल्तान नज़र आता है। कांप जाता हूं जो देखता हूं बदबख्त को अब भी, मेरे गुस्से में शोला और तूफान नज़र आता है? ऐसे बेशर्म - बेहया कैसे हो जाते हैं लोग बताएं, जो लूटकर हम सबको अंजान नज़र आता है? तोड़ देगें हर बाधा को जो राह में आएगा हमारे फाड़ सीने को समंदर के निकल आएगा किनारे इस जंग को जीतने का जोश जवानों में भरा है जूल्म पछताता हुआ शर्मिंदा किनारे पे खड़ा है ©Qamar Abbas #stet2019