#DearZindagi Dear ❤️ Zindagi ❤️ ज़िन्दगी ज़िद्दी स्वभाव की है कितना भी इसे भलाबुरा कहो कुछ भी कैसा भी बर्ताव करो पर रहेगी साथ मे क्योंकि उसमें अनंत शक्ति होती है सहने की। हम तो उसे छोड़ने से रहे , लेकिन अगर ज़िन्दगी Please Read Full in caption #Dearzindagi रास्ते हम इंसानो के अच्छे मित्र होते है जो हमे हमारी मंजिल तक पहुचाने में निःस्वार्थ भाव से मदद करते है परंतु हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम भी उन रास्तों का ध्यान रखे ताकी हमे भी उन पर चलने में कोई कठिनाई न हो और हम अपनी मंजिल तक बड़ी ही आसानी से पहुच जाएं उसी प्रकार ज़िन्दगी भी हमारी अच्छी मित्र होती है जो हमे इस संसार मे संघर्षशील बनाती है कठिनाईयों से लड़ने की ताक़त देती है ताकि हम हर परिस्थिती से गुजर सके और अपने जीवन को बेहतर तरीके से जी सकें ,और हमारा भी कर्तव्य बनता है कि अपनी ज़िंदगी का ख्याल रखे उसके बारे में सकारात्मक सोंचे नई दिशा दे उड़ान दे उसे स्वंतन्त्रता प्रदान करे और उनकी कुछ सीमाएं तय करे आदि आदि क्योंकि हम और हमारी ज़िंदगी एक दुसरे के पूरक है दोनों में अच्छी मित्रता होनी चाहिए तभी ज़िन्दगी हमारे लिए और हम उसके लिए । परंतु जब हम विफल होते है परेशान होते है तो उसे कोसते है गाली देते है क्यों? ऐसे में उस जिंदगी का क्या दोष जिसके साथ हमे जीवन भर साथ चलना है । ध्यान देने वाली बात है जिन रास्तों पर हम चलते है उन रास्तों पर हमारी चलने की रफ्तार उनकी अच्छी दसा पर निर्भर है अर्थात यदि रास्ते (मार्ग,पथ) एक समानतल ,साफ सुथरे, और सीधे है तो जाहिर है चलने वाले की गति तेज़ होगी और वो बिना किसी तनाव के अपनी मंजिल तक प्रसन्नता पुर्वक खाते पीते पहुँच पायेगा भले ही वो कितना दूरस्थ मार्ग हो, ठीक इसके विपरीत यदि रास्ते उबड़ खाबड़ ऊँचे नीचे है साथ मे छोटे बड़े गड्ढे भी है तो क्या होगा ? चलने वाला तनाव में होगा वह अपनी मंजिल तक देर से पहुचेगा, क्योंकि रास्ता अब कठिन है भले ही लघु मार्ग क्यों न हो , उसको कोसने के साथ साथ मजबूरी में ही सही पर वह इस पर चलेगा क्योंकि और कोई रास्ता भी नही , परन्तु इसमें भी चलने वाला दृढ़ निश्चयी होना चाहिए । अब अगर उसे दुबारा इसी रास्ते पर आना है तो या तो उसकी मरम्मत करवाये या फिर कोई दूसरा सरल रास्ता अपने लिए तलाशे । जो इन कठिन रास्तों पर अन्जाने में चला भी गया और परेशान होकर उलझ गया तथा न चल पाया वो ही अटक जाता है। न तो मंजिल तक पहुंच पाता है और न ही वापिस अपने आरम्भ बिंदुतक।