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साल बदल रहा हर साल की तरह, पर इस बार लगा सदियां बद

साल बदल रहा हर साल की तरह,
पर इस बार लगा सदियां बदल गई।

बदलना था किसी एक को,
पर उस एक की ही दुनियां बदल गई।

इस जिंदगी की दौड़ में आगे निकल आए,
पर जब मुड़ कर देखे तो सारी खुशियां पीछे ही रह गई।

दलदल सा ज़ख्म है अब इस दिल में कहीं,
एक टीस सी उठती अब हर पल है कोई।

                        ✍️ लक्ष्मी कौशल

©Lakshmi Kaushal
  #टीस

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