पीले पत्तों का शाखों से जुड़े रहना भी कहां मुमकिन था एक झोंके के बगावत की दरकार रही एक सदमे से जमींदोज हुए हैं सारे...... प्रीति #पतझड़ #उम्रदराज़ #रिश्तों की मजबूरी #yqdidiquotes #yqhindiquotes