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इंसान हो कर भी इंसान का हाल ऐसा क्यों है कोई छत से

इंसान हो कर भी इंसान का हाल ऐसा क्यों है
कोई छत से खुद ता 
 तो कोई,
फंदे से लटकता क्यों है....
की कंधे भी बेबस है उस  ढोते ढोते
उम्मीदों का बोझ इस कदर हावी है क्यों है
पर बचपन ही कितने अच्छे थे
बस्ता भारी था,पर कंधे कितने हल्के थे।।
      
 'D' ❤️ #बचपन #मासुम #सुकून  #Nojoto #hindiquotes
इंसान हो कर भी इंसान का हाल ऐसा क्यों है
कोई छत से खुद ता 
 तो कोई,
फंदे से लटकता क्यों है....
की कंधे भी बेबस है उस  ढोते ढोते
उम्मीदों का बोझ इस कदर हावी है क्यों है
पर बचपन ही कितने अच्छे थे
बस्ता भारी था,पर कंधे कितने हल्के थे।।
      
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