मां किराएदार हूं इस दुनिया में शायद कल चली जाऊंगी कुछ लोगों के मुस्कुराने की वजह तो कुछ के दिल में नफरतों का घर कर जाऊंगी अपने कमरे में मैं दो बक्से छोड़ कर जाऊंगी एक में मेरी नाराज़गी होंगी और दूजे में अपनी अच्छाइयां समेटे जाऊंगी तुम बस अच्छाइयों वाला बक्सा खोलना और सुना ना जमाने को मेरी कहानियां और वह नाराजगी वाला बक्सा मेरे शरीर के साथ दफना देना क्योंकि जमाने ने परखी है सिर्फ मेरी खामियां। #dilkibaat #Zamana #kahaniya #best_poetry #Baat #jasbaat #lavz #CityEvening