"लिखते - लिखते ना जाने कब लिखना आ गया , पढ़ते - पढ़ते ना जाने कब समझाना आ गया । अकेला होकर भी न जाने कब चलना आ गया , भीड़ का हिस्सा होते हुए भी ना जाने कब भीड़ से अलग हो गया । आम से खास बनने की छोटी सी यह कहानी है , अनुपमा से लेखक अनुपमा बनने की बस यही कहानी है । " ©short sweet #नोजोटो #My___Voice #हिंदिलेखक #my📓my🖋️ #motivatation #Journey