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खुश हो जाने को एक ख्वाब बहुत था, निकल गया जो वक़्त

खुश हो जाने को एक ख्वाब बहुत था,
निकल गया जो वक़्त नायाब बहुत था।
इन बारिश की बूँदों में डूब,
समय के साथ चल पड़ने का एहसास बहुत था।। #Poem #Kavita #Hindi #Hindipoetry #Barish
खुश हो जाने को एक ख्वाब बहुत था,
निकल गया जो वक़्त नायाब बहुत था।
इन बारिश की बूँदों में डूब,
समय के साथ चल पड़ने का एहसास बहुत था।। #Poem #Kavita #Hindi #Hindipoetry #Barish