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adityachaurasia5436
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Aditya Chaurasia

ज़िन्दगी के सफ़र में एक राही!!

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Aditya Chaurasia

वो जो ठहर जाए ,उससे वक्त की बात क्या करोगे।
वो जो बिखर जाए, उससे जिंदगी की बात क्या करोगे।
समय ऐसा मरहम है, भर देता है हर जख्म,
वो जो भर जाए उससे जहनी घाव की बात क्या करोगे।।

©Aditya Chaurasia
  #tanha ##random #

tanha #random #

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Aditya Chaurasia

अंजान रहा जाने पहचाने चेहरे से भी, हकीकत से मिलावाओगे क्या।
भरोसे की हर जद में टूट कर बिखरा हूं, आहिस्ता आहिस्ता समेट दोगे क्या।
अब ना होगा एतबार फिर से उस हद तक,
ठहरना तुम नए रिश्तो में चलने से पहले, इतना एहसान कर दोगे क्या।।

शामिल रहा शुरुआत से अंत तक हर सफर में, उन रास्तों से दुबारा गुजरोगे क्या।
दूर ही रखा खुद को दुनिया की मतलबी बातो से, इतनी सी बात मानोगे क्या।
अगर होती मिठास हर बात में तो कड़वाहट आई कहां से,
बता देना हर सच झूठ किसी भरोसे से पहले, इतना एहसान कर दोगे क्या।।

नाराजगी रही नही अब खालिश है केवल, ये समझ पाओगे क्या।
सुकून की तलाश में गुजारे है जो दिन रात, वो सुबह शाम लौटा पाओगे क्या।
नही मिलता अब कुछ भी उस इंतजार में,
निकल पड़ना तुम अब नई जिंदगी की तलाश में, इतना एहसान कर दोगे क्या।।

©Aditya Chaurasia #Missing
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Aditya Chaurasia

झरोखों से रोशनी का पदार्पण कुछ यूं हुआ है।
शब्द रहित,चिर अनन्त, मानो मन शून्य हुआ है।।

ग्रसित हो, जो इसे हर पल महसूस कर रहे है अपने साथ,
उनके अपनों के ख्याल बिखर से गए है।
जरूरत है तो उन्हें अभी सहारे की।
जरूरत है तो उन्हें अभी किनारे की।।

आंखो में उनके नमी सी है।
कोई बोले एक बार सब सही हो जाएगा,
वो एहसास फिर खिल उठेंगे जिनकी अभी कमी सी है।।

फ़िक्र है इसलिए वो डर गए हैं।
खो देने के डर से सहम से गए हैं।।

झूठ है चारोतरफ, यकीन करने को जी चाहता है।
सच जो की बेपर्दा है, भूल जाने को जी चाहता है।।

सब एक लड़ाई ही लड़ रहे है।
बिना हथियार हर एक दिन आगे बढ़ रहे हैं।।

जिसे किसी ने ना पहचाना है।
दुश्मन अभी भी अनजाना है।।

सड़क जो कभी चहल पहल से सराबोर रहा करती थी।
रेल पटरी पर दौड़ा करती थी।
आज एक अलग ही सन्नाटे में डूबी हुई है।।
रुक गए है सभी, मानो किसी ने स्टेच्यू बोल दिया हो।।

वो हस्ते खेलते पार्क वीरान हो गए है।
मोहल्ले की गालियां,चचा की दुकान सब सुनसान हो गए है।।

दोस्तो जानकारों से मिलना अभी दुश्वार हुआ है।
बिना साथ के साथ निभाने का चुनाव हुआ है।।

अपनो को अपनो से मिलने पर रोक लगी है।
फिलहाल वक़्त की पुकार भी यही है।

कर लिया है बंद खुद को अपने आशियाने में।
अकेले ही चलना है सभी को इस डगर पर साथ पाने में।

कोई घर को ना आएगा,कोई घर से ना जाएगा।
आज इंसानियत ही इंसान के काम आएगा।।

बैठिए तब तक घर में खिड़कियां खोल कर।
निहारिए खुले आसमान को दिल खोल कर।।
बाते करिए घर में, कुछ वक़्त बिताइए अपने साथ।
याद करेंगे कभी ऐसा भी हुआ था अपने साथ।।

धीरज रखियेगा, नई शुरूआत का वो दिन भी आएगा।
जिसमे वो खुशनुमा सुबह होगी,और वो सूरज भी आएगा।।

इतिहास मुस्कुराएगा, इतराएगा....
इंसानों के वजूद की एक और लड़ाई की जीत पर।
बेख़ौफ़ होकर हम सभी फिर निकल पड़ेंगे अपने अपने सफ़र पर।।

-@@ #corona
 #poetry
#hindi
#poem
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Aditya Chaurasia

ग़ुम है अपने सच में,
शांत बैठे पत्थरों से, बहते हुए दरिया तक।

आजाद है अपने सोच में,
उड़ते हुए पंछी से, एकांत खड़े पौधे तक।

रौशन है अपने वेश में,
स्थिर सूरज से, गतिमान जुगनू तक।

ज़िन्दगी है अपने हर पल में,
भूली-बिसरी यादों से, सांसो के खोने तक।

खूबसूरती है अपने संसार में,
दिन के उजाले से, रात के अंधेरे तक। #worldpoetryday
#hindi
#kavita
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Aditya Chaurasia

खामोशी जो कुछ कह रही है।
कुछ आवाजे कोशिश में जरूर है,पर शायद मजबूर है।
नजदीक होने का आभास,फिर भी कोसो दूर है।
गमगीन हो सही , गुम सी है,
कह कर भी अनकही सी है,अनसुनी सी है।
कहने और सुनने का ये दौर जो अब खत्म हो चला है तो अपने पीछे छोड़ गई है एक खामोशी।
खामोशी जो कुछ कह रही है।
बाते जो अपनेआप से ,अपने लिए ,अपने अंदर चल रही हैं।
थोड़ी मतलबी ही सही पर बात आगे बढ़ रही है।
एकटक देखते देखते, अलग ही रफ्तार से कहानी बुनी जा रही है,
हर शख्स का किरदार, स्वयं निभाये जा रही है।
मन के बवंडर से खुद को निकालने की पुरजोर कोशिश हो रही है,
उथल पुथल जो मची थी, ठहर चुकी अब,स्थिर हो रही है।
अनूठा ही है ये वक़्त भी अपने आप में,जो सतत चल रही है,
बैठे इस खामोशी में बेपरवाह हो,समझदारी के पाठ पढ़ा रही हैं।
खामोशी जो कुछ कह रही है। #hindi #poem #poetry #hindipoetry
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Aditya Chaurasia

Past and present ज़िन्दगी में वक़्त बे-वक़्त खेल निराले हैं।
 कुछ जाने पहचाने तो, कुछ अन्जान चेहरे वाले हैं ।।
          
                                                     -@@ #nojotonews #random #zindagi #alone
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Aditya Chaurasia

कोरे पन्नों पर लिखे अल्फाज भी हँस पड़ते हैं।
जब बिन कुछ कहे,क़लम यूँही चल पड़ते हैं।।
तरकीबें तो हज़ार हैं बयाँ करने को,
फिर क्यों ख़ामोशी में शब्द,बनकर साज़ निकल पड़ते हैं।।
-@@ #nojotonews #poem #poetry #alone
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Aditya Chaurasia

ज़िंदगी मे कुछ सबक तो वक़्त ने सीखा दिए,
किताब के पन्ने तो यू ही पलटे गए हैं।
    
                                               -@@ #nojotonews #random #story #life #poem
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Aditya Chaurasia

दौड़

हर एक पल निकलता जा रहा ।
मुठ्ठी से रेत फिसलता जा रहा।।
सोचा बहुत कुछ है करने को।
पर सब बिखरता क्यों जा रहा।।

शायद समय तेज़ चल रहा है,
या हमारी रफ्तार ही धीमीं हो चली है।
अरमानों की एक झड़ी सी लगी है,
ये भागमभाग जिसकी मची है।

एक चेतक की तलाश हैं।
सब जीत जाने की ये कैसी आस है।।

दूरी अभी भी केवल रास्तो की ही है।
सोच अभी भी एक अलग राह की है।।

खोने का डर ,पाने का जुनून अपनी जगह,
पर ज़िन्दगी के सुकून को किसकी पनाह।।

छूट गयी है डोर कही।
हालात से मजबूर हो जाएं,ये मंजूरी नही ।

अब जरूरत केवल फिर से हाथ थामने की है।
बात अब वक्त के साथ चलने की है।। #nojoto #nojotonews #story #poem #poetry #hindistory #motivation
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Aditya Chaurasia

ना किसी खोज में शामिल हो मंजिल के लिए,
चल पड़ना तुम उस एक रोज सफर के लिए,
खुद की बाते सुनने और कहने के लिए,
निकल पड़ना उस रोज, ज़िंदगी जीने के लिए।।
              
                           -@@ #alone #story #poetry #hindi #poem #hindipoetry #nojotonews
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