a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जा रहे हो तुम, फिर लौटकर आओगे, छोड़ता हूँ यहाँ कुछ यादों की किताबें। बेमतलब से अंदाज़, बेपरवाह होकर, जब लौटोगे, वही ख्वाब सजाओगे। छोड़कर जा रहा हूँ तुम्हारे मीठे लम्हे, यकीन है, एक दिन उन्हें ढूंढने आओगे। बेशक होगी तुम्हें मेरे ठिकानों की तलाश, मैं नहीं हूँ, मगर एहसास तुम पा जाओगे। बताएगा हर कोई तुम्हें मेरा पता, पर जीते जी मुझ तक ना पहुँच पाओगे। ©theABHAYSINGH_BIPIN #SunSet जा रहे हो तुम, फिर लौटकर आओगे, छोड़ता हूँ यहाँ कुछ यादों की किताबें। बेमतलब से अंदाज़, बेपरवाह होकर, जब लौटोगे, वही ख्वाब सजाओगे।