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abhaybipin6063
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theABHAYSINGH_BIPIN

up to date hurtful

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theABHAYSINGH_BIPIN

White तमाम कोशिशों पर पानी फ़िर जाता है 
फिरता है जब मन सब कुछ ठेहर जाता है !! 

ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती 
थोड़ा वक़्त भी एक पल मे निकल जाता है !! 

कहता हूँ कितना कुछ ख़ुद से हर रोज 
सोचते सोचते कितना रोज निकल जाता है !! 

सोचा था कभी तो आयेगी याद उन्हे भी 
बस याद करते करते हर वक़्त निकल जाता है!!

©theABHAYSINGH_BIPIN
  #summer_vacation 
#say #sayari 
#Dard
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theABHAYSINGH_BIPIN

White उस शक्स मे मै खुद को तलास रहा हूँ 
बचे हुए कुछ अवशेषों को तराश रहा हूँ।। 

क्या हुई गलती जो प्रेम विलुप्त हुआ 
उसकी सारी चैटों को खंगाल रहा हूँ।। 

डूबकर भी मेरा इश्क़ हासिये पर आया 
बचे कुछ यादों को अवशेष मान रहा हूँ ।। 

कुछ अच्छे पल कुछ अच्छे कहानी है 
मोहब्बत का उसे स्वर्णिम मान रहा हूँ ।। 

इश्क़ मे डुबकर ये दुनिया फीकी पड़ती है 
भरोसे को ही प्रथम गलती मान रहा हूँ ।। 

कौन उकेरता है इश्क़ की नाकामी को 
बर्बादी का इतिहास स्वयम गढ़ रहा हूँ ।।

©theABHAYSINGH_BIPIN #emotional_sad_shayari
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theABHAYSINGH_BIPIN

White उस शक्स मे मै खुद को तलास रहा हूँ 
बचे हुए कुछ अवशेषों को तराश रहा हूँ।। 

क्या हुई गलती जो प्रेम विलुप्त हुआ 
उसकी सारी चैटों को खंगाल रहा हूँ।। 

डूबकर भी मेरा इश्क़ हासिये पर आया 
बचे कुछ यादों को अवशेष मान रहा हूँ ।। 

कुछ अच्छे पल कुछ अच्छे कहानी है 
मोहब्बत का उसे स्वर्णिम मान रहा हूँ ।। 

इश्क़ मे डुबकर ये दुनिया फीकी पड़ती है 
भरोसे को ही प्रथम गलती मान रहा हूँ ।। 

कौन उकेरता है इश्क़ की नाकामी को 
बर्बादी का इतिहास स्वयम गढ़ रहा हूँ ।।

©theABHAYSINGH_BIPIN
  #emotional_sad_shayari 
#Trending 
#SAD 
#sad_feeling 
 Rakhie.. "दिल की आवाज़" advocate SURAJ PAL SINGH KrissWrites Fathimunnisa S

#emotional_sad_shayari #Trending #SAD #sad_feeling Rakhie.. "दिल की आवाज़" advocate SURAJ PAL SINGH KrissWrites Fathimunnisa S #शायरी

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theABHAYSINGH_BIPIN

कैसे कह दूँ की सब कुछ बेदाग़ है 
खून नहीं फिर भी हाथ दोनों लाल है!! 
कैसे कह दूँ कुछ अच्छे का हकदार मैं
कमीज पर बस अश्कों के हि दाग़ है!! 

रंग मंच पर मुझको सिर्फ़ गुमान था 
जाने मुझमें बसा कितना किरदार था !! 
जिया उस दर्द को फ़िर मुझे होश हुआ 
तब सुझा मुझमें कितना अहंकार था !! 

जाने कैसे मुझको वो अंधकार ही भाया
याद है तब सबने मुझको ही समझाया
कितना खुश था खुद के भ्रम माया में
सबने मुझको अच्छा रास्ता ही दिखाया

मन का होने से जिसने भी इनकार किया 
जिसके मन मे बैठा उसको मैंने दूर किया !! 
किसी बातों पर मुझको एतबार नहीं था 
सृजन रूपी हृदय को कितना घात किया ।। 

कैसे कह दूँ ख़ुद से की हाल बेहाल है 
ख़ुद के कर्मो का मुझे कितना मलाल है!! 
अब कहता हूँ की बिल्कुल बेदाग़ नहीं हूँ मैं 
खून नहीं फिर भी मेरे हाथ दोनों लाल है!!

©theABHAYSINGH_BIPIN
  #Apocalypse
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theABHAYSINGH_BIPIN

कुछ बात नहीं हुई एक अरसा से 
कुछ युही ख़फ़ा हुई हमसे तुम
आस थी एक तुम ही खड़ी साथ
फ़िर हाथ छुड़ाई सहसा तुम 
सोचो की किस हाल मे था मै
किस अवसादों से घिरा था मैं
हाँ हाथ छोड़ना वाजिब था 
कितने इल्जामो का दोषी था मै 
सजा मुकम्मल मेरा भी था 
घुट घुट कर ही मुझे जीना था 
घुट घुट कर ही मुझको मरना था 
कुछ अरमां सुहाना मेरा भी था 
अब सब कुछ जलकर राख हुआ 
मन का हर तिनका खाक हुआ 
किस उम्मीद से आसमां देखता
 जलाने मे मेरा ही हाथ हुआ

©theABHAYSINGH_BIPIN #LetMeDrowm
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theABHAYSINGH_BIPIN

सुनो ज़रा बैठो कुछ बात करनी है 
नई कहानी की शुरुआत करनी है
बहुत हुआ मलाल गम ए इश्क का
आंखो में आंखे डाल शिकार करनी है 

किसी को फर्क पड़े तो जहर हाजिर है 
जज्बातों का कत्ल हजार करनी है 
बहुत हुआ ये रूठने मनाने का खेल
महबूब के सीने को अब लाल करनी है 

वक्त समझने सहने का अब बीत गया
करनी पर पछताने का समय बीत गया 
ऐसा भी क्या की आंखो में आंसू रहे 
देर सही पर समझ में सब कुछ आया

बीत गया मौसम अब तो सर्द भी गया
मौजे की खुशबु से बहार नई छाई 
मौजे के आने पर बाहर में उमंग नई है 
कुछ बुरा हुआ अब मलाल नहीं है

©theABHAYSINGH_BIPIN
  #retro
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theABHAYSINGH_BIPIN

यूहीं सदा बात क्यूँ ना करते तुम , 
जज़्बात जाहिर क्यूँ ना करते तुम ! 
माना सपने मे मेरे तुम रोज आते , 
फ़िर मुलाक़ातें क्यूँ ना करते तुम !! 

हसीं दिलरुबा जान जो तुम मेरी हो , 
इन आँखों को क्यों ना समझते तुम ! 
हंसी से करते मेरा तरो ताज़गी, 
फ़िर मुलाक़ातें क्यों ना करते तुम !! 

यकीं तो है तुम्हे की सब मान बैठा हूँ , 
चाहत पर एतबार क्यूँ ना करते तुम! 
कहते हो हमी एक बेहतर जमाने मे, 
फिर मुलाक़ातें क्यूँ ना करते तुम !! 

तुम्हे पता तो है इस दिल की ज़ज़्बात, 
ख़ुद के जज़्बातों को क्यूँ छुपातें तुम! 
तु मेरा सब है ऐ दुनिया जहाँ जान भी , 
फिर मुलाक़ातें क्यों ना करते तुम !! 

माना की हजार बंदिशे हैं तुम पर , 
इन बेड़ियों को क्यों ना तोड़ते तुम ! 
इतनी जद्दोजहद क्यों है साथ चलने मे , 
फिर साथ में ही क्यूँ ना मरते तुम!! 

क्या रोकेगी हमे ये दुनिया की  रीति , 
अपने सपनों को पंख क्यूँ ना देते तुम ! 
एक हक़ से मेरे साथ तो चलो तुम , 
मेरा ही सदा क्यूँ ना रहते तुम !!

©ABHAYSINGH_BIPIN
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theABHAYSINGH_BIPIN

ज़ज़्बात को  कोई   नही देखता
मेरा  प्यार उनको  नहीं दिखता
मेरी ही आँखे क्यों  देखती इश्क़ 
अशिक़ाना  कोई  नहीं  देखता

सबको मिलता नही शागिर्द ए इश्क़
सच्चा  मेहबूब  कोई  नही  देखता
शोहरत पर आँखें सब गड़ाये फिरते
कुर्बानियों  को  कोई  नहीं देखता

कुछ  पाने  के  लिए  मैं  सब खोया
भरे  बाजार  मे  मैं  टूट  कर  रोया
मिलने पर शिकायत थी मेरे बदलने का 
खुद के बदलाव को कोई नही देखता

©ABHAYSINGH_BIPIN #Road ज़ज़्बात को  कोई   नही देखता
मेरा  प्यार उनको  नहीं दिखता
मेरी ही आँखे क्यों  देखती इश्क़ 
अशिक़ाना  कोई  नहीं  देखता

सबको मिलता नही शागिर्द ए इश्क़
सच्चा  मेहबूब  कोई  नही  देखता
शोहरत पर आँखें सब गड़ाये फिरते

#Road ज़ज़्बात को कोई नही देखता मेरा प्यार उनको नहीं दिखता मेरी ही आँखे क्यों देखती इश्क़ अशिक़ाना कोई नहीं देखता सबको मिलता नही शागिर्द ए इश्क़ सच्चा मेहबूब कोई नही देखता शोहरत पर आँखें सब गड़ाये फिरते #ज़िन्दगी

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theABHAYSINGH_BIPIN

रोते रोते सो जाता हुँ मैं
अनकहें जज़्बात दवा जाता हुँ मैं 
कहे तो कैसे हमदर्द से दर्द 
उनसे गले लगाया भी नही जाता मै

©ABHAYSINGH_BIPIN #desert
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theABHAYSINGH_BIPIN

यूहीं सदा बात क्यों ना करते तुम , 
जज़्बात जाहिर क्यों ना करते तुम ! 
माना सपने मे मेरे तुम रोज आते , 
फ़िर मुलाक़ातें क्यों ना करते तुम !! 

हसीं दिलरुबा जान जो तुम मेरी हो , 
आँखों को क्यों ना समझते तुम ! 
हंसी से करते मेरा तारो ताज़गी, 
फ़िर मुलाक़ातें क्यों ना करते तुम !! 

पता तो है तुम्हे सब मान बैठा हूँ , 
चाहत पर एतबार क्यों ना करते तुम! 
कहते हो हमी एक बेहतर जमाने मे, 
फिर मुलाक़ातें क्यों ना करते तुम !! 

तुम्हे पता नहीं की का ज़ज़्बात है , 
ख़ुद के जज़्बातों को क्यों छुपातें तुम! 
तु मेरा सब है दुनिया जहाँ जान भी , 
फिर मुलाक़ातें क्यों ना करते तुम !! 

माना की हजार बंदिशे हैं तुम पर , 
इन बेड़ियों को क्यों ना तोड़ते तुम ! 
इतनी जद्दोजहद क्यों है साथ चलने मे , 
फिर साथ में ही क्यों ना मरते तुम!! 

क्या रोकेगी हमे ये दुनिया रीति , 
सपनों को पंख क्यों ना देते तुम ! 
हसकर मेरे साथ तो चलो तुम , 
मेरा ही सदा क्यों ना रहते तुम !!

©ABHAYSINGH_BIPIN #alone यूहीं सदा बात क्यों ना करते तुम , 
जज़्बात जाहिर क्यों ना करते तुम ! 
माना सपने मे मेरे तुम रोज आते , 
फ़िर मुलाक़ातें क्यों ना करते तुम !! 

हसीं दिलरुबा जान जो तुम मेरी हो , 
आँखों को क्यों ना समझते तुम ! 
हंसी से करते मेरा तारो ताज़गी,

#alone यूहीं सदा बात क्यों ना करते तुम , जज़्बात जाहिर क्यों ना करते तुम ! माना सपने मे मेरे तुम रोज आते , फ़िर मुलाक़ातें क्यों ना करते तुम !! हसीं दिलरुबा जान जो तुम मेरी हो , आँखों को क्यों ना समझते तुम ! हंसी से करते मेरा तारो ताज़गी, #ज़िन्दगी

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