Nojoto: Largest Storytelling Platform
abhaybipin6063
  • 174Stories
  • 691Followers
  • 2.2KLove
    3.0KViews

theABHAYSINGH_BIPIN

up to date hurtful

theabhaysinghbipin.nojoto.com

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
00608bb5760d7e0cf07199f966898ae7

theABHAYSINGH_BIPIN

मन का दुश्मन बनना होगा

मन का दुश्मन बनना होगा,
खुद से भी तो लड़ना होगा।
यह छल न जाए जीवन को,
सदैव ध्यान रखना होगा।

बुझ न जाए प्रगति की मशाल,
खुद आग बनकर जलना होगा।
बनो सारथी खुद के रथ का,
अर्जुन भी तुम्हें बनाना होगा।

जीवन की रणभूमि से,
सदैव चौकस रहना होगा।
कोई हित-मित्र नहीं है पीछे,
अकेले ही आगे बढ़ना होगा।

निराशा की घटाएँ घेरें,
तब खुद में जोश भरना होगा।
इम्तिहान लेगी रणभूमि जब,
समशिरों पर चलना होगा।

प्रहरी हो तुम जीवन के,
पूरी रात तुम्हें जागना होगा।
इम्तिहान नहीं, युद्ध समझो इसे,
प्रत्येक व्यूह से तुम्हें लड़ना होगा।

काबू में रखना अवचेतन को,
संघर्ष में दृढ़ रहना होगा।
ठान सको जब ख़ुद से ही रण,
ख़ुद पर प्रथम विजयी पाना होगा।

विचलित ना होना इस रण में,
भावों का नाश करना होगा।
भेद गए जब व्यूह को तुम,
अंतिम क्षण तक तुम्हें लड़ना होगा।

संकल्प लो, उद्घोष करो,
निर्भीक बाणों की वर्षा करना होगा।
तोड़ सको तुम द्वार सभी,
अभिमन्यु तुमको बनना होगा।

©theABHAYSINGH_BIPIN #सदैवचलनाहोगा
     
 Rakesh Srivastava  happydil  Internet Jockey  Anupriya  Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) 

मन का दुश्मन बनना होगा

मन का दुश्मन बनना होगा,
खुद से भी तो लड़ना होगा।

#सदैवचलनाहोगा Rakesh Srivastava happydil Internet Jockey Anupriya Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) मन का दुश्मन बनना होगा मन का दुश्मन बनना होगा, खुद से भी तो लड़ना होगा। #कविता

00608bb5760d7e0cf07199f966898ae7

theABHAYSINGH_BIPIN

White एक हार जरूरी है जीवन में

एक हार जरूरी है जीवन में,
एक जीत जरूरी है जीवन में।
हार से संवरना सीखोगे तुम,
जीत से निखरना सीखोगे तुम।

हार जलाएगी आग में,
जीत देगी उड़ान को राग में।
हार से सहनशील बनोगे तुम,
जीत से खुद को पहचानोगे तुम।

हार धैर्य सिखाएगी,
जीत विश्वास जगाएगी।
इसीलिए हार जरूरी है जीवन में,
एक जीत भी जरूरी है जीवन में।

हार और जीत हैं जीवन के रंग,
इन्हीं से सजे हैं जीवन के संग।
इनसे ही उत्साह मिलता है जीवन में,
सपनों को आकार मिलता है जीवन में।

चढ़ते रहो छोटी-छोटी सीढ़ियाँ,
ऊँचा शिखर पाओगे जीवन में।
संघर्ष से जो निखर जाएगा,
हर मुकाम पाएगा जीवन में।

निरंतर चलते रहना पथ पर,
लक्ष्य जरूरी है जीवन में।
ना मिले गर कोई साथी राह में,
अकेले ही बढ़ते रहना जीवन में।

चढ़ते रहो शिखर की ओर,
छोटों को देना स्नेह और सम्मान।
गिरो तो जल-सा निर्मल रहना,
सदैव शीतल रहना जीवन में।

संघर्ष ही सार है जीवन का,
रुकने से पहले सोचना जरा।
जो ठहर गया, वो हार गया,
चलते रहो, जीत है जीवन में।

©theABHAYSINGH_BIPIN #एकहारजरूरीहैजीवनमें

एक हार जरूरी है जीवन में,
एक जीत जरूरी है जीवन में।
हार से संवरना सीखोगे तुम,
जीत से निखरना सीखोगे तुम।

हार जलाएगी आग में,

#एकहारजरूरीहैजीवनमें एक हार जरूरी है जीवन में, एक जीत जरूरी है जीवन में। हार से संवरना सीखोगे तुम, जीत से निखरना सीखोगे तुम। हार जलाएगी आग में, #कविता

00608bb5760d7e0cf07199f966898ae7

theABHAYSINGH_BIPIN

बंदिशें और ख्वाब

दिन कट जाते हैं हंसते-गाते,
कटती नहीं हैं ये लंबी रातें।
उसके ख्वाबों में जागता रहता हूं,
पर साथ देती नहीं हैं सांसें।

याद आती हैं उसकी बातें,
पर अब धीमी हैं ज़ज़्बातें।
मैं बुलाने की कोशिश करता हूं,
पर सुनती नहीं वो मेरी बातें।

कितना लंबा वक्त गुज़र गया,
देखे बिना सूनी हैं ये आंखें।
किसी बहाने से ही आ जाओ,
तुमसे करनी, तुम सी बातें।

कितने दूर चली गई हो तुम,
और कब से सुनी मेरी ये बाहें।
प्यार न सही, लड़ने ही आओ,
तेरे बिना भारी रहती हैं आंखें।

नहीं जानता कितना कसूर था,
सुकून न सही, देने आओ तकलीफें।
सज़ा मुकर्रर करने ही आ जाओ,
लेकर आना तुम  वक्त सी ज़ंजीरें।

क्या पता आज़ाद हो जाऊं,
और खत्म हो जाए मेरी बंदिशें।
छुपा कर रखूंगा जख्म सारे,
तुम लेकर आना अपनी शमशीरें।

©theABHAYSINGH_BIPIN #बंदिशेंऔरख्वाब
बंदिशें और ख्वाब

दिन कट जाते हैं हंसते-गाते,
कटती नहीं हैं ये लंबी रातें।
उसके ख्वाबों में जागता रहता हूं,
पर साथ देती नहीं हैं सांसें।

#बंदिशेंऔरख्वाब बंदिशें और ख्वाब दिन कट जाते हैं हंसते-गाते, कटती नहीं हैं ये लंबी रातें। उसके ख्वाबों में जागता रहता हूं, पर साथ देती नहीं हैं सांसें। #ishq #शायरी #Din #saja #yandey

00608bb5760d7e0cf07199f966898ae7

theABHAYSINGH_BIPIN

White डूब जाता हूँ मैं,
अपनी आकांक्षाओं के गर्त में।
मेरी जीत, हार में बदल जाती है,
हर जीत की एक शर्त में।
थकता नहीं है राही अपने लंबे सफर पर,
थक जाता है, बोझ लिए मन में।

©theABHAYSINGH_BIPIN #GoodMorning 

"डूब जाता हूँ मैं,
अपनी आकांक्षाओं के गर्त में।
मेरी जीत, हार में बदल जाती है,
हर जीत की एक शर्त में।
थकता नहीं है राही अपने लंबे सफर पर,
थक जाता है, बोझ लिए मन में।" Anupriya  Sandeep Kumar Saveer  Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal)  gudiya  Saurabh Tiwari

#GoodMorning "डूब जाता हूँ मैं, अपनी आकांक्षाओं के गर्त में। मेरी जीत, हार में बदल जाती है, हर जीत की एक शर्त में। थकता नहीं है राही अपने लंबे सफर पर, थक जाता है, बोझ लिए मन में।" Anupriya Sandeep Kumar Saveer Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) gudiya Saurabh Tiwari #विचार

00608bb5760d7e0cf07199f966898ae7

theABHAYSINGH_BIPIN

राहों की खोज

चलते रहिए आगे,
बढ़ते रहिए आगे,
कहीं तो मक़ान होगा,
कहीं तो मंज़िल होगी।

मिलते रहिए अपनों से,
मिलते रहिए गैरों से,
कहीं तो एहसास होगा,
कहीं तो पहचान होगी।

हाथ बढ़ाते रहिए,
हिम्मत बढ़ाते रहिए,
कहीं तो पुकार होगी,
कहीं तो सांस होगी।

लड़ते रहिए अंधेरों से,
लड़ते रहिए धुंध-कोहरे से,
कहीं तो आसमान होगा,
कहीं तो रोशनी होगी।

सदैव बढ़ते रहिए,
चौकस रहिए हर वक्त,
कहीं तो लकीर होगी,
कहीं तो नज़र होगी।

डरना क्यों है दोपहरी से,
उत्साह भरते रहिए,
कहीं तो धूप होगी,
कहीं तो छांव होगी।

अग्रसर रहिए जलधारा में,
थमने न पाए विजयी रथ,
कहीं तो मिट्टी होगी,
कहीं तो पत्थर होगी।

साधते रहिए हिम्मत,
सौर्य के गीत भी गाते रहिए,
कहीं तो सफ़लता होगी,
कहीं तो विजयी होगी।

©theABHAYSINGH_BIPIN #walkingalone 

राहों की खोज

चलते रहिए आगे,
बढ़ते रहिए आगे,
कहीं तो मक़ान होगा,
कहीं तो मंज़िल होगी।

#walkingalone राहों की खोज चलते रहिए आगे, बढ़ते रहिए आगे, कहीं तो मक़ान होगा, कहीं तो मंज़िल होगी। #कविता

00608bb5760d7e0cf07199f966898ae7

theABHAYSINGH_BIPIN

White एक अधूरा सफ़र

एक सफ़र अधूरा रहा,
ख्वाहिशों का साथ छूट गया।
मंज़िल मेरी रूठ गई,
मैं खुद से ही तो रूठ गया।

दरिया में कश्ती डूब गई,
पतवार मेरी टूट गई।
मैं खुद से ही तो रूठ गया,
मैं खुद से ही तो टूट गया।

ख़्वाब सजाए आँखों ने,
एक पल में सब टूट गया।
सफ़र पर निकला जब,
खुद ही रास्ता भटक गया।

रुका मैं अभिलाषा में,
मुश्किल दौर से गुज़र गया।
माया के भंवर में फँसकर,
भरी ज्येष्ठा में सर्द सा सिहर गया।

एक महल बनाया रेत सा,
जो पल भर में ढह गया।
ख़्वाबों की दीवारें टूटीं,
और दिल भी कहीं बह गया।

साथ किसी का छूट गया,
दर्द सा दिल में बैठ गया।
मैं खुद से ही तो रूठ गया,
मैं खुद से ही तो टूट गया।

दिल मासूम फिर से टूट गया,
मंज़िल मेरी फिर छूट गई।
महबूब मुझसे रूठ गया,
मैं खुद से ही तो टूट गया।
मैं खुद से ही तो रूठ गया।

©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute  
एक अधूरा सफ़र

एक सफ़र अधूरा रहा,
ख्वाहिशों का साथ छूट गया।
मंज़िल मेरी रूठ गई,
मैं खुद से ही तो रूठ गया।

#sad_qoute एक अधूरा सफ़र एक सफ़र अधूरा रहा, ख्वाहिशों का साथ छूट गया। मंज़िल मेरी रूठ गई, मैं खुद से ही तो रूठ गया। #कविता

00608bb5760d7e0cf07199f966898ae7

theABHAYSINGH_BIPIN

गुज़रा हुआ वक्त अब किस दौर से आयेगा,
गुज़रा हुआ साथी अब किस ओर से आयेगा।
बिछड़े कारवां जिंदगी से लौटने की उम्मीद है,
मुकरा हुआ शख़्स अब किस ओर आयेगा।

वाजिब है मुझे छोड़कर उसका जाना भी,
रास्ते बहुत हैं, जाने कौन किस मंज़िल को जायेगा।
जुदाई बहुत हो चुकी, अब उसको पाने की उम्मीद है,
तलाश में जंगल अब किस शहर को जायेगा।

अकेला सफ़र किस मंज़िल तक जायेगा,
दिल की बेचैनी अब किससे सुकून पायेगा।
यादों के नक्शे पर कदमों के कई निशान हैं,
खुद को खोकर शायद कोई राज़ पायेगा।

©theABHAYSINGH_BIPIN 
गुज़रा हुआ वक्त अब किस दौर से आयेगा,
गुज़रा हुआ साथी अब किस ओर से आयेगा।
बिछड़े कारवां जिंदगी से लौटने की उम्मीद है,
मुकरा हुआ शख़्स अब किस ओर आयेगा।

वाजिब है मुझे छोड़कर उसका जाना भी,
रास्ते बहुत हैं, जाने कौन किस मंज़िल को जायेगा।

गुज़रा हुआ वक्त अब किस दौर से आयेगा, गुज़रा हुआ साथी अब किस ओर से आयेगा। बिछड़े कारवां जिंदगी से लौटने की उम्मीद है, मुकरा हुआ शख़्स अब किस ओर आयेगा। वाजिब है मुझे छोड़कर उसका जाना भी, रास्ते बहुत हैं, जाने कौन किस मंज़िल को जायेगा। #शायरी

00608bb5760d7e0cf07199f966898ae7

theABHAYSINGH_BIPIN

वो हक जताती है कभी-कभी

वो हक जताती है कभी-कभी,
प्यार जताती है कभी-कभी।
डूब जाओगे गहरी आँखों में,
पलके झुकाती है कभी-कभी।

मासूमियत से भर जाती नज़रें,
आँखें झुकाती है कभी-कभी।
जज़्बातों को बयां किए बिना,
बहुत कुछ कह जाती है कभी-कभी।

कितनी गर्मजोशी है अदाओं में,
वो बिजलियाँ गिराती है कभी-कभी।
इशारों में कह जाती है बातें,
पास बुलाती है कभी-कभी।

वैसे गुस्से में लाल हो जाती,
शरमाती भी है कभी-कभी।
बातों में अपनी उलझा कर,
दिल चुराती है कभी-कभी।

इश्क़ का आलम कुछ ऐसा,
कि पास बुलाती है कभी-कभी।
दिल के करीब रहकर भी,
फासले बढ़ा जाती है कभी-कभी।

ख्वाबों में छुपा लेती है खुद को,
हकीकत में दिख जाती है कभी-कभी।
साज़िश सी लगती है ये मोहब्बत,
हद से गुजर जाती है कभी-कभी।

©theABHAYSINGH_BIPIN #fog 

वो हक जताती है कभी-कभी

वो हक जताती है कभी-कभी,
प्यार जताती है कभी-कभी।
डूब जाओगे गहरी आँखों में,
पलके झुकाती है कभी-कभी।

#fog वो हक जताती है कभी-कभी वो हक जताती है कभी-कभी, प्यार जताती है कभी-कभी। डूब जाओगे गहरी आँखों में, पलके झुकाती है कभी-कभी। #बहुत #कविता

00608bb5760d7e0cf07199f966898ae7

theABHAYSINGH_BIPIN

Unsplash इस गुलाबी शाम को बस शाम ही रहने दो,
दबे जज़्बातों को मेरे अनजाम ही रहने दो।
ना दिखाओ मुझे ख़्वाब जन्नत-ए-इश्क़ की,
चांद और तारों को आसमान में ही रहने दो।

मत छेड़ो मेरी तन्हाई के इस सुकून को,
दर्द का दरिया है, इसे बहता ही रहने दो।
मैं मोम नहीं, जो गले तेरी तपिश से,
मैं पत्थर हूँ, मुझे पत्थर ही रहने दो।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Book 

**इस गुलाबी शाम को बस शाम ही रहने दो,
दबे जज़्बातों को मेरे अनजाम ही रहने दो।
ना दिखाओ मुझे ख़्वाब जन्नत-ए-इश्क़ की,
चांद और तारों को आसमान में ही रहने दो।

मत छेड़ो मेरी तन्हाई के इस सुकून को,

#Book **इस गुलाबी शाम को बस शाम ही रहने दो, दबे जज़्बातों को मेरे अनजाम ही रहने दो। ना दिखाओ मुझे ख़्वाब जन्नत-ए-इश्क़ की, चांद और तारों को आसमान में ही रहने दो। मत छेड़ो मेरी तन्हाई के इस सुकून को, #शायरी

00608bb5760d7e0cf07199f966898ae7

theABHAYSINGH_BIPIN

White इश्क़ और ये वीरानियों को मैं यूँ ही छोड़ जाऊँगा,
चाहता हूँ बहकते हुए मैं कुछ शायरी छोड़ जाऊँगा।
कौन किसको याद करके अफ़सोस करता है,
मैं यादों में कुछ ताज़ा ग़ज़ल छोड़ जाऊँगा।

दर्द की बारिशों में भीगते हुए सफ़र तय किया,
हर ख़ुशी का क़र्ज़ चुकाकर दिल अपना दे जाऊँगा।
गुमनाम राहों पर कोई नाम मेरा पुकारेगा,
मैं वक़्त की धुंध में अपनी पहचान छोड़ जाऊँगा।

चाहतों का हर अल्फ़ाज़ मेरी किताब में मिलेगा,
कुछ ख़्वाब अधूरे, अधूरी सी बात छोड़ जाऊँगा।
जो न समझ सका आज, शायद कल समझ पाए,
हर सन्नाटे में अपनी आवाज़ छोड़ जाऊँगा।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status 

इश्क़ और ये वीरानियों को मैं यूँ ही छोड़ जाऊँगा,
चाहता हूँ बहकते हुए मैं कुछ शायरी छोड़ जाऊँगा।
कौन किसको याद करके अफ़सोस करता है,
मैं यादों में कुछ ताज़ा ग़ज़ल छोड़ जाऊँगा।

दर्द की बारिशों में भीगते हुए सफ़र तय किया,

#Sad_Status इश्क़ और ये वीरानियों को मैं यूँ ही छोड़ जाऊँगा, चाहता हूँ बहकते हुए मैं कुछ शायरी छोड़ जाऊँगा। कौन किसको याद करके अफ़सोस करता है, मैं यादों में कुछ ताज़ा ग़ज़ल छोड़ जाऊँगा। दर्द की बारिशों में भीगते हुए सफ़र तय किया,

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile