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देख इधर सभी जा रहें है कुंभ नहाने मेरी तरफ़ से मैं

देख इधर सभी जा रहें है कुंभ नहाने मेरी तरफ़ से 
मैं वहीं रहा हूँ कई साल, गली गली से वाकिफ़ हूँ..!

मेरा भक्ति में मन नहीं लगता है, सम्मान करता हूँ 
सब अपने अपने डर से जा रहे,नहीं मैं मुनाफिक़ हूँ..!

यें भक्ति,साधना,चादर,घंटा,श्रद्धा की बातें है सब 
सब डर से जा रहें है उधर, करतूतों से वाकिफ़ हूँ..!

जाओ सब भक्ति का कोई वक़्त मुक़्करर नहीं है 
ईश्वर, अल्लाह सबके है, तुम डरे हो, मैं वाकिफ़ हूँ..!

डर और श्रद्धा देखा हूँ, इक़ दूसरे क़े पूरक है अब 
भक्ति खुदगर्ज़ी से नहीं,अब करते हो तुम, वाकिफ़ हूँ..!

यें संगम यें गंगा यें यमुना सब यहीं रहेगी हमेशा 
वक़्त बीतने पर नहीं जाओगे,तेरे डर से मुनाफिक़ हूँ..!

आस्था है,भक्ति है,सब अंदर से रहतीं है,कितने हो 
खँगालो ख़ुद को,कि डरे नहीं हो,इससे वाकिफ़ हूँ..!!

©Shreyansh Gaurav #Kumbh 
#Thinking
देख इधर सभी जा रहें है कुंभ नहाने मेरी तरफ़ से 
मैं वहीं रहा हूँ कई साल, गली गली से वाकिफ़ हूँ..!

मेरा भक्ति में मन नहीं लगता है, सम्मान करता हूँ 
सब अपने अपने डर से जा रहे,नहीं मैं मुनाफिक़ हूँ..!

यें भक्ति,साधना,चादर,घंटा,श्रद्धा की बातें है सब 
सब डर से जा रहें है उधर, करतूतों से वाकिफ़ हूँ..!

जाओ सब भक्ति का कोई वक़्त मुक़्करर नहीं है 
ईश्वर, अल्लाह सबके है, तुम डरे हो, मैं वाकिफ़ हूँ..!

डर और श्रद्धा देखा हूँ, इक़ दूसरे क़े पूरक है अब 
भक्ति खुदगर्ज़ी से नहीं,अब करते हो तुम, वाकिफ़ हूँ..!

यें संगम यें गंगा यें यमुना सब यहीं रहेगी हमेशा 
वक़्त बीतने पर नहीं जाओगे,तेरे डर से मुनाफिक़ हूँ..!

आस्था है,भक्ति है,सब अंदर से रहतीं है,कितने हो 
खँगालो ख़ुद को,कि डरे नहीं हो,इससे वाकिफ़ हूँ..!!

©Shreyansh Gaurav #Kumbh 
#Thinking