तिजारत, राजनीति दिखी, आज़ादी की दीवानगी नहीं, लाठी ले कर नंगे घूमना दिखावा ही था, सादगी नहीं! षड्यंत्र को नाम दिया गया के भविष्य खा पी सके, तभी जो नाम पुजता है कायरों में, गांधी है, शास्त्री नहीं! - Shubhro #shastriji #India