गड़े मुर्दे मत उखाड़ो यारो कुछ लोगो की सुकून की नींद क्यों गायब करना चाहते हो तुम मामूली हो , मामूली बन कर रहो ना ये तो खेल है बस उनका उनको ही खेलने दो तुम इस आग में अपने हाथ क्यों जलाते हो कफन तो मिल रही है ना क्यों कोसते हो उनको उन्हें कुछ हुआ ना तो वो तुम्हे तुम्हारी कब्र से भी उठा लेंगे तुम मामूली हो ,मामूली बन कर रहो ना हाथो में उँगलियाँ वोट देने के लिए रखो अगर ना बचे तुम ना तो वो तुम्हारी कटी उंगलियों से भी वोट डलवा लेंगे बस इनका शक्ल और ठिकाना बदल जायेगा वो शिकारी है हर वक़्त निशाना तुम पर ही रहेगा उसने कह दिया कि मैं सेवक हूँ और तुमने मान लिया आखिर जुमलो और हकीकत में फर्क करना कब सीखोगे मामूली हो शायद इसलिए आंखों में बड़े सपने पाल रखे हो मेरी मानो तो चाय वाला बन जाओ और साथ मे पकौड़े भी तलना क्या पता कल तुम भी सरकार बन जाओ खैर मामूली बन कर रहो तो ही अच्छा है घर मे बीवी है ,बच्चे है इतना तो समझो काहे फिजूल में संविधान का पन्ना उलटाते हो जमीर को मत जगाया करो उसे लंबी तान कर सोने दो तुम मामूली हो ,मामूली बन कर रहो ना—अभिषेक राजहंस #NojotoQuote तुम मामूली हो, मामूली बन कर रहो ना