और कुछ देर मुझे पास बिठाये रखिये ज़िन्दगी जीने का माहौल बनाये रखिये बात होठों से जो निकलेगी तो सब सुन लेंगे आँखों-आँखों में ही बातों को सुनाये रखिये वक़्त का किसको भरोसा है कहाँ ले जाये आज की रात मेरा साथ निभाये रखिये कितने नफ़रत के अँधेरे हैं अभी धरती पर इक न इक शम्आ मुहब्बत की जलाये रखिये आइना ख़ाक बतायेगा तुम्हें राज की बात मेरी तस्वीर को आइना बनाये रखिये मैं भी इक फूल हूँ ख़ुशबू ही लुटाउँगा तुम्हें अपने गुलशन में मुझको भी सजाये रखिये ©Deepbodhi और कुछ देर मुझे पास बिठाये रखिये ज़िन्दगी जीने का माहौल बनाये रखिये बात होठों से जो निकलेगी तो सब सुन लेंगे आँखों-आँखों में ही बातों को सुनाये रखिये वक़्त का किसको भरोसा है कहाँ ले जाये आज की रात मेरा साथ निभाये रखिये