एक सवाल है तुझसे ऐ आसमान के मालिक रहता वहां तु है पर महसुस क्यू होता है दिलमे बरसता है बुंदूसे पर आसमान मे गरजता क्यू है हम सोचते पा ले तुझे तभी युं रूलाके हमे छोडता क्यु है कहेते सभी रहता है दिलमे फिर भी ये दिल हमारा टुटता क्यु है कल्पना की दुनिया मे