White यादें बहुत है बस याद करने का मन नहीं करता, कुछ यादों को भूलने का वक्त नहीं मिलता दरवाजे जो कभी दिल की चाहतों के थे अब उन दरवाजों को खोलने का मन नहीं करता की रहे कुछ दरवाजे बंद तो ही बेहतर है लम्हों में भी गुजर जाने दो बीती बातों को अब उनके लिए खुद को चुप रहने देना अच्छा नहीं लगता ©SAAHIL KUMAR मन