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माता-पिता ने जन्म दिया, जिनसे हमें उत्तम संस्कार म

माता-पिता ने जन्म दिया, जिनसे हमें उत्तम संस्कार मिला,
गुरु की महिमा से जीवन में आदर्श विचार, व्यवहार मिला।

गुरु का दर्जा भगवान सा है, कृपा हेतु हृदय में आस चाहिए,
गुरु की महिमा जरुर मिलेगी, मन में श्रद्धा विश्वास चाहिए।

गुरुजनों ने  अपनी  महिमा से, मुझे  ऐसे  सांचे में  ढाला है,
समाज में मेरी पहचान निहित हो, मुझे  ऐसा बना डाला है।

गुरु  पिता, गुरु  अभिभावक, गुरु  ही  सर्वश्रेष्ठ  कहलाते हैं,
इसलिए तो  जग में  गोविन्द से पहले  गुरु ही  पूजे जाते हैं।

गुरु  वशिष्ठ, द्रोण  या  परशुराम, गुरुओं  में  श्रेष्ठ कहलाते थे,
इनके कृपा से शिष्य अर्जुन, कर्ण और एकलव्य बन जाते थे। गुरु ज्ञान की पावन धारा, अनवरत रस बरसाते।
देकर ज्ञान समाज को वह, हैं सही राह दिखलाते।।

👉आइए आज करते हैं अपने गुरुदेव के महिमा का गुणगान.... 🙏

कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-

#collabwithकाव्यपथिक
माता-पिता ने जन्म दिया, जिनसे हमें उत्तम संस्कार मिला,
गुरु की महिमा से जीवन में आदर्श विचार, व्यवहार मिला।

गुरु का दर्जा भगवान सा है, कृपा हेतु हृदय में आस चाहिए,
गुरु की महिमा जरुर मिलेगी, मन में श्रद्धा विश्वास चाहिए।

गुरुजनों ने  अपनी  महिमा से, मुझे  ऐसे  सांचे में  ढाला है,
समाज में मेरी पहचान निहित हो, मुझे  ऐसा बना डाला है।

गुरु  पिता, गुरु  अभिभावक, गुरु  ही  सर्वश्रेष्ठ  कहलाते हैं,
इसलिए तो  जग में  गोविन्द से पहले  गुरु ही  पूजे जाते हैं।

गुरु  वशिष्ठ, द्रोण  या  परशुराम, गुरुओं  में  श्रेष्ठ कहलाते थे,
इनके कृपा से शिष्य अर्जुन, कर्ण और एकलव्य बन जाते थे। गुरु ज्ञान की पावन धारा, अनवरत रस बरसाते।
देकर ज्ञान समाज को वह, हैं सही राह दिखलाते।।

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