तेरे बिना ये संसार लगता है बड़ा अंधकार जी करता है राहुल का कि करुं तेरा कुछ अलग बखान पर थोड़ी सहम सा जाता है तेरी महानता में खो जाता है कि कैसे करूं तेरा गुनगान जब तेरी रोशन भरी किरणें आतीं हैं आकाश को चिरतें दिल को सुकून दे जाती है जग में उजाला फैलाती है बड़ा अनमोल है तू भाष्कर जो करता है पूरी पृथ्वी को रोशन देता है विटामिन डी का पोषन उगते वक्त तेरा रूप सलोना भा जाती है सबके मन को लाल संतरे सा लगता है तू चमकाता है सबके तन को बडी अनोखी है तेरी कहानी कहीं धूप-छांव तो कहीं बंदरिया मौसम की ये रूप सुहानी हमें अचंभित कर जाती है हे दिवाकर सदा ही तू ऐसे रहना राहुल का है दिल से कहना सदा हमें उजियारा करना कवि-राहुल कुमार ©Rahul Kumar ## डुबते हुए सुर्य