शब्द लीला शब्दों की बारीकियों में समाया शब्दों का सौंदर्य है शब्दों में ही छिपा हुआ शब्दों का ऐश्वर्य है शब्दों से भी मनोहारी शब्दों की छवि बनती है शब्दों के पिरोने से माला 'कविता की बनती है शब्दों की ये यारी अब शब्दों से प्यारी लगती है शब्द पुष्प से सजे हुए पौधों की क्यारी लगती है चमत्कार की ये लीला अब बेहद न्यारी लगती है! द्वारा:-रविंद्र सिंघ शाहू #शब्द लीला