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हो गई मोहब्बत , तो क्या? देख चेहरा उसका, थोडी मुस्

हो गई मोहब्बत ,
तो क्या?
देख चेहरा उसका,
थोडी मुस्कान आई।
नजरे झुकाई देख ,
फिर क्यू शर्माई।
हर रोज का मिलना नजरो का,
उसमे आँखो का कसूर क्या?
हो गई मोहब्बत ,
तो क्या?
उस चाँद का नूर,
उसपे ता छाया।
जब देखा आईने मै ,
तुने खुद को,
तो आईंना भी शर्माया।
देख ऐसे हसीन चेहरे को ,
मोहब्बत हो जाय तो,
उसमे इस दिल का कसूर क्या?
हो गई मोहब्बत ,
तो क्या?
हो गई मोहब्बत ,
तो क्या?
देख चेहरा उसका,
थोडी मुस्कान आई।
नजरे झुकाई देख ,
फिर क्यू शर्माई।
हर रोज का मिलना नजरो का,
उसमे आँखो का कसूर क्या?
हो गई मोहब्बत ,
तो क्या?
उस चाँद का नूर,
उसपे ता छाया।
जब देखा आईने मै ,
तुने खुद को,
तो आईंना भी शर्माया।
देख ऐसे हसीन चेहरे को ,
मोहब्बत हो जाय तो,
उसमे इस दिल का कसूर क्या?
हो गई मोहब्बत ,
तो क्या?