Unsplash दुकाँ तो मिल गई, घर से मगर है छिन गया आँगन उजड़ वीरां हुए हैं सब, नहीं अब मन कोई उपवन कि किसके साथ होना था व किसके साथ होते हैं― कहीं पर तन,कहीं पर मन,यही जीवन-यही जीवन ©Ghumnam Gautam #leafbook #उपवन #आँगन #ghumnamgautam