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कभी तुम अकेले में देखना तारों को, जो कोइ तारा तुम

कभी तुम अकेले में देखना तारों को, 
जो कोइ तारा तुम्हें देख कर टिमटिमाये समझ लेना वो मैं हूँ....

कभी तुम खामोश हो के यूं ही टहलना, 
चले जो भीनी हवा तुम से लिपट करसमझ लेना वो मैं हूँ.....

कभी तुम तन्हाई में छेड़ना साज को, 
निकल कर छू ले जो धुन तुम्हारे मन को समझ लेना वो मैं हूँ....

कभी तुम उदास हो के अकेले खड़ी हो कहीं,
गिरे जो आंसू तुम्हारे गालों को छू कर समझ लेना वो मैं हूँ....

कभी तुम जो यूं ही अकेले में सोच के कुछ मुस्कुराओ,
उस पल जो सुकून मिले तुम्हारे मन को समझ लेना वो मैं हूँ....

कभी तुम खड़े हो दूर तक फैले हुऐ समंदर के पास,
समंदर को देख कर जो शांत हो तुम्हारा मन समझ लेना वो मैं हूँ....

©UNCLE彡RAVAN #Path
कभी तुम अकेले में देखना तारों को, 
जो कोइ तारा तुम्हें देख कर टिमटिमाये समझ लेना वो मैं हूँ....

कभी तुम खामोश हो के यूं ही टहलना, 
चले जो भीनी हवा तुम से लिपट करसमझ लेना वो मैं हूँ.....

कभी तुम तन्हाई में छेड़ना साज को, 
निकल कर छू ले जो धुन तुम्हारे मन को समझ लेना वो मैं हूँ....

कभी तुम उदास हो के अकेले खड़ी हो कहीं,
गिरे जो आंसू तुम्हारे गालों को छू कर समझ लेना वो मैं हूँ....

कभी तुम जो यूं ही अकेले में सोच के कुछ मुस्कुराओ,
उस पल जो सुकून मिले तुम्हारे मन को समझ लेना वो मैं हूँ....

कभी तुम खड़े हो दूर तक फैले हुऐ समंदर के पास,
समंदर को देख कर जो शांत हो तुम्हारा मन समझ लेना वो मैं हूँ....

©UNCLE彡RAVAN #Path