New Year 2024-25 हवा ने क्या चलना बदल दिया, तारों ने क्या टहलना बदल दिया, बस अंक ही तो बदला था केवल, तुमने गिर के क्यों संभलना बदल दिया। फिर सुबह नई आएगी सुनहरी, सूरज ने क्या पूरब से निकलना बदल दिया, शास्त्र ज्योतिष आदि कोई विद्या है क्या, जिससे तुमने पद्धति और जीना बदल दिया। रामराज्य लाएंगे फिर इस बार, हमने तो भगवे के लिए रहना बदल दिया, हिंदू देश और हिंदुस्तानी सब होंगे, कट्टर चाहे हो पर खुद से झगड़ना बदल दिया। आओ मनाएं नया साल अप्रैल में, इतिहास में दर्ज हो ऐसा लिखना बदल दिया, फटे हाल हम नहीं अब दुश्मन होगा, जिसने घर से बाहर निकलना बदल दिया। ग़म तो बहुत पिया है हमने इस जानिब, कि आंसुओं ने हमारे पिघलना बदल दिया, इत्र की तरह फैलेंगे हम अब हिंदू होकर, वक़्त ने गुरु बनकर दुनिया बदलना बदल दिया। ©Rangmanch Bharat #NewYear2024-25 poetry in हिंदी #nojoto #nojotokavita #hindikavita #newyear2025 #Nayasaal hindi poetry on life