क्या "अब भी तुमको" याद है वो याराना हर बात पे झगड़ना रूठना, फिर मनाना पार्क में घूमते हुए वो बतियाना, वो नज़रें छिपाना चौराहे पे खड़े होकर साथ-साथ खाना-खिलाना किलकारी मारकर हँसना-हँसाना सिप-सिप करके पीना-पिलाना दुःख में रोना-रुलाना "क्या अब भी" ये यादों का पुलिंदा हमेशा जुबान पे रहता है कभी आगे कभी पीछे मगर हमेशा सरकता रहता है #memories #यादें #love #poem #sad