" देखो मैं एक बार फिर से मुस्कुराना चाहता हूं , है जो भी गिले-शिकवे सब मैं भुलाना चाहता हूं , कर जरा ये यहतराम मुझपे आ फिर से एक हो जाते हैं , जो ऐसा अब नहीं किये तो ये नादानी उस से भी बड़ी होगी ." --- रबिन्द्र राम अगर मेरे दिल की उसके दिल को ख़बर ना हुई, फिर वो चाहत ही क्या जो इधर हुई और उधर ना हुई। OPEN FOR COLLAB✨ #ATgirlhandbg1 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Adorn this bg with your beautiful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts