क्या लगता है तुझे, ऐसा करके क्या होगा, तु आजाद तो शायद ही हो, पर टूटा उनका आशियाँ होगा, अब जरा तु ही बता, क्या उन्हें यूँ छोड देगा, क्या अपनी ही जिंदगी को, तु इस कदर दगा देगा, तुझमें ही तो सामर्थ्य है, फिर ये खुद से रूठना कैसा, तुझे तो अपना मुकद्दर लिखना है, फिर यूँ बिखरकर, टूटना कैसा, अब तु एक इरादा करके चल, कि ना टूटेगा कभी खुद, ना किसी को टूटने देगा, तु है खुदा का नेक बंदा, जो इस लक्ष्य को कभी ना झुकने देगा, तु चलेगा तब तक, जब तक है सांसे हैं तुझमें, सब्र रख तु, अभी एक ख्वाहिश है तुझमें | -Divya Shukla ✍️ #mywordsmythoughts #poemoftheday #CADREAM #CAlife