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// इश्क // मिलाया ना करो निगाह मुझसे मोम सा पिघल

// इश्क //

मिलाया ना करो निगाह मुझसे
 मोम सा पिघल जाता हूं मैं,
हुस्न के जलवे तुम फेंकते हो 
और फस जाता हूं मैं, 
गुनाह तुम करते हो 
और सजा पाता हूं मैं,  
दिल को संभालना मुश्किल हो जाता है 
लड़खड़ा जाता हूं मैं, 
प्रण लेता हूं रोजाना 
तुम्हें देखते ही पथ से भटक जाता हूं मैं
 यू कहो तो ,मौसम सा बदल जाता हूं मैं, 
गाया ना करो मोहब्बत के गाने 
भरी महफिल में फिसल जाता हूं मैं।

©chanda Yadav
  #wordsofchanda#nojotohindi#lovepoetry
// इश्क //

मिलाया ना करो निगाह मुझसे
 मोम सा पिघल जाता हूं मैं,
हुस्न के जलवे तुम फेंकते हो 
और फस जाता हूं मैं, 
गुनाह तुम करते हो 
और सजा पाता हूं मैं,  
दिल को संभालना मुश्किल हो जाता है 
लड़खड़ा जाता हूं मैं, 
प्रण लेता हूं रोजाना 
तुम्हें देखते ही पथ से भटक जाता हूं मैं
 यू कहो तो ,मौसम सा बदल जाता हूं मैं, 
गाया ना करो मोहब्बत के गाने 
भरी महफिल में फिसल जाता हूं मैं।

©chanda Yadav
  #wordsofchanda#nojotohindi#lovepoetry