इज़हार-ए-मोहब्बत करके वो मुकर गए वफ़ा निभाने को, सब लगे थे मुझे बचाने में और कब्र वो खोद रहे थे मुझे दफनाने को! इल्ज़ाम ना लगाओ बेवजह मेरे दुश्मनों पर, साजिशें तो अपनों की थी मुझे मिटाने को! मासूमियत तो देखो उनके कत्ल-ए-तरकीब की, गुलाब लिए बैठे थे हाथों में खंजर छुपाने को! इंतेजाम पूरा रखा था उसने मेरा ख्याल करके, दुपट्टा भी लिया था मखमल का कफ़न बनाने को! दिल करता हैं सिने से लगा लूं उसे अभी के अभी, ऐसे वो रो रही हैं दिखाकर जमाने को! ग़म ना कर ऐ कांत अपने मौत का, वो खुश तो हैं सजाकर मेरे जनाजे को! #She_Is_killed_Me